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Tuesday, January 25, 2011

मुमताज मुमताज पुकारो तो सारी दुनिया ताज पुकारती है

ताजमहल की याद आ गई

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 दुनिया में सबसे खूबसूरत इमारत. 1631 में सम्राट शाहजहां अपनी मुमताज, जो बच्चे के जन्म में मर गई थी की याद में ताजमहल का निर्माण किया.  आगरा में सफेद संगमरमर का मकबरा एक महिला के लिए एक आदमी के प्यार की स्मारक बन गया है. 
 
उस रात शाहजहां देखता रहा अपने ताज को
संगमरमर सी सफेद खड़ी अपनी मुमताज को
दे दिया जिसके लिए मोहब्बत का अपना वर्तमान
आने वाले सैंकड़ों सालों के शानदार इतिहास को
डूबा रहा एक गहरे अफसोस में शाहजहां पूरी रात
दीवारों में चुन कर मुमताज कितनी सफेद हो गई है
धड़कनें बंद हैं उसकी, पत्थर सी जड़ हो गई है
ढूंढने लगा शाहजहां ताज के चारों ओर मुमताज को
जिस तक आने के लिए सरकारें टिकट वसूल रही हैं
सैकड़ों संतरी खड़े हैं बंदूक लेकर,गाइड चिल्लाते हैं
प्रेम की यह इमारत दुनिया में है सबसे बेमिसाल
२२ सालों में गुज़र गईं कितनी सर्दियां, दिन रात,
याद करे दुनिया एक शहंशाह की मोहब्बत बेपनाह
आंसुओं को रोके रहा शाहजहां, पूछता रहा मुमताज से
लाखों लोगों की भीड़, तमाम पोस्टरों तस्वीरों के शोर में
दो पल बिताने को कम पड़ जाता है मुमताज ये ताज
ख्वाब में भी मेरे हर रात, इक इमारत ही चल कर आती है
मुमताज मुमताज पुकारो तो सारी दुनिया ताज पुकारती है
रोते रोते बोल पड़ा शहशांह ताजमहल में उस रात को
निकल भी आओ मुमताज,छोड़ भी दो अब इस ताज को
मोहब्बत की इस बार कोई लंबी कहानी नहीं बनाऊंगा
जी लूंगा तुम्हारा साथ जी भर,कोई इमारत नहीं बनाऊंगा


प्यार गजब की चीज है हो जाये तो हो जाये ..................................

Mamta bisnoi ????????????????

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